पटना के भोजपुरी विद्वान डॉ. सुनील पाठक को मिला “डॉ. निर्भीक स्मृति सम्मान – 2025”
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न्यूज टेल डेस्क: जमशेदपुर के तुलसी भवन में ‘जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद’ द्वारा डॉ. रसिक बिहारी ओझा “निर्भीक” की जयंती के अवसर पर स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में पटना के सुप्रसिद्ध भोजपुरी साहित्यकार एवं पूर्व प्रवर समिति सदस्य डॉ. सुनील कुमार पाठक को वर्ष 2025 का “डॉ. निर्भीक स्मृति सम्मान” प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र, पगड़ी, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह, पुष्पगुच्छ एवं नगद राशि भेंट की गई।

समारोह के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अंगद तिवारी, टाटा मोटर्स के पूर्व उप महाप्रबंधक डॉ. चन्द्रेश्वर खां तथा संस्कार भारती की महानगर अध्यक्ष डॉ. रागिनी भूषण उपस्थित रहे। इस अवसर पर भोजपुरी पत्रिका निर्भीक संदेश के 27वें अंक का लोकार्पण भी डॉ. पाठक द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष डॉ. प्रसेनजित तिवारी ने की और संचालन श्री दिव्येन्दु त्रिपाठी ने किया।

समारोह का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। परिषद के प्रधान सचिव डॉ. अजय कुमार ओझा ने स्वागत भाषण देते हुए विगत 12 वर्षों से दिए जा रहे इस सम्मान की महत्ता पर प्रकाश डाला। कवि-लेखकों द्वारा काव्यांजलि अर्पित की गई और डॉ. निर्भीक के कृतित्व पर वक्ताओं ने विचार रखे। समारोह में डॉ. सुनील पाठक ने इसे “चंपू शैली” का सुंदर उदाहरण बताते हुए डॉ. निर्भीक को भोजपुरी साहित्य में विविध विधाओं के प्रवर्तक के रूप में रेखांकित किया। कार्यक्रम में शताधिक साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति रही।
