June 16, 2025

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अग्निवीरों के लिए पेंशन छोड़ने को तैयार’, वरुण गांधी का ऐलान,

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नई दिल्‍ली: ‘अग्निपथ’ योजना के तहत सेनाओं में ‘अग्निवीरों’ की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। सड़कों से लेकर राजनीतिक मंचों तक योजना का खासा विरोध हुआ है। विरोध की एक बड़ी वजह ‘अग्निवीरों’ को केवल 4 साल की नौकरी, पेंशन व अन्‍य भत्‍ते न मिलना है। बीजेपी के अपने सांसद वरुण गांधी लगातार ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा है कि वह ‘अग्निवीरों’ को पेंशन न मिलने की सूरत में बतौर सांसद खुद को भविष्‍य में मिलने वाली पेंशन छोड़ने को तैयार हैं। गांधी ने सवाल उठाया कि ‘अग्निवीर पेंशन के हकदार नहीं हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह सहूलियत क्‍यों मिले?’ उन्‍होंने सभी सांसदों/विधायकों से अपील करते हुए कहा कि हम पेंशन छोड़ दें ताकि ‘अग्निवीरों’ को पेंशन मिल सके।
कोविड के चलते 30% कटी है सांसदों की सैलरी
2020 में भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में केंद्रीय कैबिनेट ने अप्रैल 2020 में फैसला किया कि सांसदों और मंत्रियों की सैलरी में 30% की कटौती की जाएगी। साथ ही साथ सांसदों की क्षेत्र विकास निधि भी अगले आदेश तक निलंबित कर दी गई।

राज्यसभा सांसदों को मिलती है इतनी सैलरी और ये सुविधाएं

पेंशन: हर पूर्व सांसद को 20,000 रुपये महीना न्‍यूनतम पेंशन का प्रावधान है। अगर बतौर सांसद कार्यकाल 5 साल से ज्‍यादा रहा है तो हर साल के हिसाब से पेंशन में 1,500 रुपये जुड़ते जाते हैं।

कितनी है विधायकों की सैलरी?
हर राज्‍य में विधायकों के वेतन-भत्‍ते अलग-अलग हैं। तेलंगाना में विधायकों को वेतन-भत्‍तों के रूप में सबसे ज्‍यादा ढाई लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। इसके बाद उत्‍तराखंड का नंबर आता है जहां विधायकों को हर महीने 2 लाख रुपये से ज्‍यादा मिलते हैं। ज्‍यादातर राज्‍यों में विधायकों के वेतन-भत्‍ते एक से दो लाख रुपये के बीच हैं। लिस्‍ट देखिए।
क्‍या है ‘अग्निपथ’ योजना?
भारत सरकार ने पिछले दिनों सशस्‍त्र सेनाओं में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ योजना लॉन्‍च की। इसके तहत, 4 साल के लिए सैनिक भर्ती होंगे जिन्‍हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। चार साल के दौरान इन्‍हें तय सैलरी मिलेगी और उसका एक हिस्सा सरकार एक कॉर्पस में जमा करेगी। 4 साल की सर्विस के बाद, ‘अग्निवीरों’ को इसी कॉर्पस से ‘सेवा निधि’ दी जाएगी जो करीब 12 लाख रुपये होगी। ‘अग्निवीरों’ को सामान्‍य सैनिकों वाले भत्‍ते, पेंशन व अन्‍य सुविधाएं नहीं मिलेंगी। इन प्रावधानों के चलते ही ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध हो रहा था।

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