“जमशेदपुर में आनंद मार्ग संघ का ‘बाबा नाम केवलम्’ अखंड कीर्तन, भक्ति और सेवा का अद्भुत संगम”

जमशेदपुर: आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से गदरा आनंद मार्ग में आयोजित “बाबा नाम केवलम्” 3 घंटे के अखंड कीर्तन कार्यक्रम में भक्ति और सामुदायिक सेवा का अद्भुत संगम देखा गया। इस अवसर पर नारायण सेवा, 100 कंबल वितरण और निशुल्क पौधा वितरण भी किया गया। कीर्तन के पश्चात आचार्य ब्रजगोपालानंद अवधूत ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में प्रबल होते तामसिक और राजसिक भावों के संतुलन को बनाए रखना है।

उन्होंने कहा कि सामूहिक कीर्तन से केवल लोगों की शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति और सकारात्मक सात्विक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे कार्यक्रम में भाग लेने वाले और आसपास के लोग दोनों ही आध्यात्मिक एवं मानसिक लाभ प्राप्त करते हैं।सुनील आनंद ने उपस्थित लोगों को भक्ति भाव और “बाबा नाम केवलम्” कीर्तन के महत्व के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि कीर्तन एक उच्चतम भावनात्मक अभ्यास है, जो अशांति, तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है, और ईश्वर के साथ गहरे संबंध बनाने एवं आंतरिक शक्ति को जागृत करने में सहायक है। इसके माध्यम से संकल्पनाशक्ति, विचारशक्ति और कार्यशक्ति को भी विकसित किया जा सकता है, जो सफलता, आनंद और समृद्धि की ओर ले जाता है।आचार्य ने आगे कहा कि कीर्तन मन, शरीर और आत्मा के संगम का अनुभव कराता है, व्यक्ति को अविरल ध्यान, स्थिरता और आनंद की अनुभूति प्रदान करता है।

यह साधना हमारे मन को संयमित कर इंद्रियों के विषयों में वैराग्य उत्पन्न करती है, और जीवन को धार्मिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध बनाती है। उपस्थित आदर्शवादियों को यह संदेश भी दिया गया कि कीर्तन हमें समाज के बंधनों से मुक्त कर प्रेम, सहानुभूति, एकाग्रता और ईश्वरीय आनंद का अनुभव कराता है।इस प्रकार, “बाबा नाम केवलम्” कीर्तन ने न केवल आध्यात्मिक भावनाओं को जागृत किया, बल्कि समाज में सामंजस्य, सेवा और प्रेम की भावना को भी मजबूत किया, और उपस्थित सभी लोगों को दिव्य अनुभव का आनंद प्रदान किया।
