विश्व मानव ट्रैफिकिंग विरोधी दिवस: टाटानगर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में सभी हितधारकों ने दिखाई एकजुटता।
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न्यूज टेल डेस्क: टाटानगर रेलवे स्टेशन के कॉन्फ्रेंस हॉल में विश्व मानव ट्रैफिकिंग विरोधी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों से जुड़े विभिन्न विभागों और संगठनों ने एकजुटता दिखाई। यह आयोजन आदर्श सेवा संस्थान और डालसा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आदर्श सेवा संस्था की सचिव श्रीमती प्रभा जयसवाल के स्वागत भाषण से हुई। संस्था के राकेश मिश्रा ने 15 से 30 जुलाई के दौरान की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस अवधि में 11 बच्चों को रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किया गया। डालसा के सचिव श्री धर्मेंद्र कुमार ने ट्रैफिकिंग से प्रभावित बच्चों के पुनर्वास और कानूनों की जानकारी पर बल दिया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों, RPF, CWC, DCPO, चाइल्डलाइन व अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लेकर बाल तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया।

संवेदनशील समूहों को जागरूक करने और समन्वय को मजबूत करने पर दिया गया जोर।
कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों की तस्करी से निपटने के लिए सभी विभागों और संस्थाओं को मिलकर सामूहिक कार्रवाई करनी होगी। अधिकारियों ने माना कि कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों की कार्यप्रणाली से परिचित कराना और सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाना अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि समयबद्ध न्याय व पुनर्वास भी संभव हो सकेगा। कार्यक्रम में PLB और विभिन्न NGO के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने ट्रैफिकिंग रोकने के लिए समुदाय आधारित दृष्टिकोण की जरूरत को रेखांकित किया।
15 से 30 जुलाई तक 11 बच्चों को रेस्क्यू कर मानव तस्करी रोकने में अहम भूमिका निभाई।
विश्व मानव दुर्व्यापार निषेध अभियान के तहत आदर्श सेवा संस्थान ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के सहयोग से 10 लड़कों और 1 लड़की को टाटानगर स्टेशन से रेस्क्यू किया। संस्था की सचिव प्रभा जयसवाल ने कहा कि अगर बाल दुर्व्यापार को रोकना है तो कानून का डर जरूरी है। तस्करों को शीघ्र और सख्त सजा मिलने से ही उनमें कानून का भय उत्पन्न होगा, जो रोकथाम का सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने यह भी कहा कि रोकथाम अभियान की सफलता के लिए मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी है, ताकि बच्चों की सुरक्षा और ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का समूल नाश हो सके।