June 17, 2025

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अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा ने राजस्व चोरी को लेकर किया धरना प्रदर्शन

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चाईबासा : अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा द्वारा केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा के नेतृत्व में एसीसी सीमेंट कंपनी झींकपानी द्वारा लीज प्रभावित आदिवासियों को नौकरी व मुआवजा नहीं देने और सरकार का राजस्व चोरी करने का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है, जॉन मिरन मुंडा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की एसीसी सीमेंट कारखाना झींकपानी द्वारा वर्ष 1944 से आदिवासी जमीन लीज पर लेकर रोजगार और विकास करने का वादा किया था परंतु 70 सालों से भी ज्यादा समय बीत गया और लीज प्रभावित जोड़ा पोखर, कुदाहातु, नीमडीह, राजंका, दोकटा गांव के रही है आज भी भूख और गरीबी की जिंदगी जी रहे हैं आज भी कंपनी से नौकरी और मुआवजा मिलने की आस में है लेकिन कंपनी प्रबंधन का गलत रवैया के कारण जमीन दाताओं को नौकरी एवं मुआवजा नहीं मिला है एसीसी कंपनी को जमीन लगातार लीज पर सरकार द्वारा देते रहने के कारण आज आदिवासी भूमिहीन होते जा रहे हैं तथा एसएससी प्रबंधन द्वारा वर्ष 1991 से 2014 तक बहुत बड़ा घोटाला किया गया है जिससे सरकार और रही है तो को भारी नुकसान उठाना पड़ा है जिसका उल्लेख अनुमंडल पदाधिकारी को दिए गए पत्र में किया गया है जिसमें राजन का कोंधवा आदि गांव का 598.88 हेक्टेयर पर लगभग 900 करोड रुपए का अवैध माइनिंग का जिला खनन अधिकारी ने दावा किया था इससे सरकार एवं रही है तो को काफी नुकसान हुआ वर्तमान में f2 जमीन मालिक जिस की सूची लगभग 175 है उसमें से मात्र 45 को ही नौकरी देने की माननीय मुख्यमंत्री द्वारा औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया परंतु आज तक उन्हें कंपनी में नियुक्त नहीं किया गया है और ना ही इन क्षेत्रों का विकास हुआ है, वर्तमान में कंपनी प्रबंधन फिर से चालाकी दिखाते हुए f3 में नई लीज की ओर बढ़ रहा है जिसमें दोबारा सरकार और रैयतों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि f3 नया लीज के लिए आज तक ग्रामसभा नहीं हुआ है इसके अलावे मंत्री परिषद की बैठक में दिनांक 25 अक्टूबर 2019 में मद संख्या 20 के रूप में मौजा राजंका कोंदवा एवं दोकट्ठा के थाना संख्या 592, 593 और 595 में क्रमशः कुल रकबा 63.26 एकड़ सरकारी भूमि पर कुल 57282900 रुपए के राजस्व को लेकर 12 महीने के अंदर काम शुरू करने की शर्त दिया गया था अन्यथा Book जमीन पुनः राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को वापस हो जाएगी इस साल के हिसाब से यह सरकारी जमीन पुनः राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को स्वत: चली गई, परंतु कंपनी प्रबंधन 1 महीने से वह प्लॉटों पर अवैध रूप से ड्रिलिंग कर रही है शर्तों के अनुसार से सरकार का राजस्व का भारी नुकसान होगा।

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