आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जयंती एवं ‘कथा मंजरी’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन।

न्यूज टेल डेस्क: जमशेदपुर, तुलसी भवन स्थित प्रयाग कक्ष में सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन एवं तुलसी भवन के संयुक्त तत्वावधान में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की जयंती एवं मासिक ‘कथा मंजरी’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र मुनका ने की, जबकि संचालन श्री ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई तथा सरस्वती वंदना श्री नीलाम्बर चौधरी ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण संस्थान के मानद महासचिव डॉ. प्रसेनजित तिवारी ने दिया। द्विवेदी जी का संक्षिप्त साहित्यिक परिचय श्री कैलाश नाथ शर्मा ने प्रस्तुत कर प्रतिभागियों को उनके योगदान से अवगत कराया।

‘कथा मंजरी’ में प्रस्तुत हुईं 14 प्रभावशाली कहानियाँ
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र ‘कथा मंजरी’ के अंतर्गत 14 विविध विषयों पर आधारित कहानियों का पाठ किया गया, जिसमें लेखकों की कल्पनाशक्ति और सामाजिक सरोकारों की झलक देखने को मिली। प्रस्तुत कहानियों में “करनी का फल” (वीणा कुमारी नंदिनी), “बौना” (डाॅ. अरुण कुमार शर्मा), “आनलाइन इमेज” (डाॅ. वीणा पाण्डेय ‘भारती’), “गृह प्रवेश” (वसंत जमशेदपुरी), “नगद भुगतान” (नीलाम्बर चौधरी), “एक दुख भरी खुशी” (हरभजन सिंह ‘रहबर’), “मजाक” (ममता कर्ण ‘मनस्वी’), “कश्मकश” (भंजदेव देवेन्द्र कुमार ‘व्यथित’), “एक अधूरी चिट्ठी, सीमा पर की” (निशांत सिंह), “नि:शब्द प्यार” (नीता सागर चौधरी), “आत्मविश्वास” (लक्ष्मी सिंह ‘रुबी’), “गुरुकुल आश्रम का वार्षिकोत्सव” (कन्हैया लाल अग्रवाल) तथा “सिद्धि मामा द्वारा आनंदप्रिया का त्याग” (ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र) शामिल थीं। कहानियों पर समीक्षात्मक टिप्पणी श्री अरुण कुमार तिवारी ने दी।

साहित्यिक गरिमा से ओतप्रोत रहा आयोजन,
इस साहित्यिक अवसर पर शहर के अनेक प्रतिष्ठित साहित्यकार उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. यमुना तिवारी ‘व्यथित’, डॉ. अजय कुमार ओझा, अशोक पाठक ‘स्नेही’, विजय लक्ष्मी वेदुला, विद्या शंकर विद्यार्थी, संजय पाठक ‘सनेही’, जितेश कुमार तिवारी, सुजय कुमार एवं अन्य गणमान्य साहित्यप्रेमी सम्मिलित थे। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जो साहित्य समिति के उपाध्यक्ष श्री अशोक पाठक ‘स्नेही’ ने किया। यह आयोजन साहित्यिक अभिरुचि और सृजनात्मक ऊर्जा का प्रतीक बनकर उपस्थितजनों को प्रेरित करता रहा।