September 16, 2025

NEWS TEL

NEWS

बांध खूटी से रखिए ख्वाबों के चांद को,वहै दिल मरीजे इश्क तो फिकर कीजिए कल्याणी कबीर के दूसरे काव्य संग्रह ‘ मन की पगडंडी’ का हुआ विमोचन

1 min read

जमशेदपुर। बांध खूंटी से रखिए ख्वाबों के चांद को, है दिल मरीजे इश्क तो फिकर कीजिए ये सूरज तो कैद है सियासत की मुट्ठी में समेट जुगनुओं की रौशनी सहर कीजिए

प्रेम, सौंदर्य, देशभक्ति से लेकर राजनीति तक सब कुछ है काव्य संग्रह ‘मन की पगडंगी’ में।कल्याणी कबीर रचित’ मन की पगडंडी’ का आज बिष्टुपुर श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान में विमोचन हुआ। कल्याणी कबीर का ये दूसरा काव्य संग्रह है। काव्य संग्रह का हर काव्य अपने आप में गहरे अर्थ समेटे है और ओज़पूर्ण तरीकों के साथ प्रेमपूर्वक अपनी बात कह जाता है।यही कल्याणी कबीर की खासियत भी है।

कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर किया गया। उसके बाद निवेदिता ने सरस्वती वंदना सुनाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्षा, कोल्हान विश्वविद्यालय और संस्कार भारती की अध्यक्षा डॉ रागिनी भूषण ने किया। मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं स्वदेशी जागरण मंच की सक्रिय सदस्या और समाजसेवी मंजू ठाकुर। विशिष्ट अतिथि के तौर पर पर शहर के सुप्रसिद्ध कवि श्यामल सुमन और शहर के जाने-माने गजलकार शैलेंद्र पांडे शैल ने शिरकत किया। मंच का संचालन राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित डा अनीता शर्मा ने किया। मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया। साथ ही अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर भी उनका अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में लेखिका कल्याणी कबीर के पिता किशोर कुमार खास तौर पर शामिल हुए। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ रागिनी भूषण ने कहा कि कल्याणी कबीर उनकी छात्रा रही हैं इसलिए भले वो कल्याणी कबीर बाद में बनी लेकिन कबीर शुरू से हैं।कुछ कहने का , विचारों को शक्ल देने का जज्बा शुरू से था।शब्दों और व्यक्तित्व में एक शिष्टता है।कम सुनाती हैं लेकिन असरदार होता है।

मुख्य अतिथि मंजू ठाकुर जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि मन की पगडंडिया मन को छू लेनेवाली हैं। ….साहित्यकार श्यामल सुमन ने अपने वक्तव्य में कहा कि जैसे चंद्रमा घटता बढ़ता है वैसे ही मन के विचारों में भी उतार चढ़ाव आते हैं।जब ये विचार एकत्रित होकर एक दिशा पकड़ लेते हैं तो वही मन की पगडंडी कहलाती है।….शैलेंद्र पांडे शैल ने भी अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि मन की पगडंडिया जीवन के संघर्ष से लेकर मन की उथल पुथल को दर्शाता है और देशभक्ति का भाव भी जगाता है। कल्याणी के पिता किशोर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कविताएं जीवन की स्थितियों-परिस्थितियों का परिणाम होती हैं।डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में कविताएं सिर्फ मनोरंजन की वस्तु ना होकर राष्ट्रप्रेम का अलख जगाएँ तो ही इसकी सार्थकता है। उन्होंने अपनी कुछ पंक्तियां गाकर सुनाई- वक्त कब करवटें बदल दे क्या पता रिश्तो के सिलवट बदल दे क्या पता…..कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनीता शर्मा ने किया और स्वागत भाषण हास्य और व्यंग्य के कवि दीपक वर्मा ने किया । धन्यवाद ज्ञापन कवि संतोष कुमार चौबे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अनीता शर्मा , चंद्राणी मिश्रा ,अभिलाषा कुमारी, आरती शर्मा, सागर चौबे, सौम्या का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © News Tel All rights reserved | Developed By Twister IT Solution | Newsphere by AF themes.