भोजपुरी भाषा न मिठाई ह भोजपुरी अपन माई ह : ऋतिक चौबे
1 min readराँची : झारखंड में विभाजन पूर्व वर्षों से इस भू-भाग में रह रहे भोजपुरी, मगही, मैथिली व अन्य भाषाओं के लोग बहुतायत संख्या में निवास करते है। सुनियोजित षड़यंत्र के आधार पर इन भाषाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं से दूर करना विकृत, विभाजनकारी व कलुषित विचारधारा की परिचायक है। मुख्यमंत्री जी शिक्षा और रोज़गार का बात नहीं कर रहे हैं आपस में लड़वाने के लिए भाषा का अपमान कर रहे हैं यह कैसी गंदी राजनीति है मुख्यमंत्री जी? सबसे ज्यादा युवाओं पर खराब असर पड़ रहा है ऐसी घिनौनी राजनीती का गलत टिप्पणी कर लोगों को आपस में लड़ाने का काम कर रहे हैं मुख्यमंत्री, इस गंदी राजनीति का अंत आवश्यक है एवं इस महासंग्राम के लिए युवा शक्ति कटिबद्ध है।