झारखंड में SIR विवाद: मंत्री इरफान अंसारी के बयान पर BJP का तीखा हमला, चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
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झारखंड: स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सियासी घमासान और तेज हो गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के विवादित बयान—जिसमें उन्होंने लोगों से कहा कि वोटर लिस्ट से नाम काटने आए किसी भी बीएलओ को “घर में बंद कर दें या बंधक बना लें”—पर BJP ने कड़ा हमला बोला है। जामताड़ा जिले के नारायणपुर में सेवा के अधिकार सप्ताह कार्यक्रम के दौरान दिया गया यह बयान अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। बीजेपी नेताओं ने मंत्री पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इसे हिटलरशाही करार दिया, जबकि पार्टी प्रवक्ता प्रतुलनाथ शाहदेव ने कहा कि संविधान की शपथ लेने वाला मंत्री सरकारी कर्मचारियों को बंधक बनाने की बात कैसे कर सकता है। वहीं चुनाव आयोग ने पूरे मामले पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, यह कहते हुए कि SIR मतदाता सूची की शुद्धि के लिए आवश्यक प्रक्रिया है और इसे बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। SIR को लेकर राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है—सत्तारूढ़ JMM-कांग्रेस गठबंधन इसे कमजोर वर्गों के वोटरों को निशाना बनाने की साजिश बता रहा है, जबकि बीजेपी इसे पारदर्शिता का कदम कह रही है। विवाद बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अभी तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राज्य की राजनीति में यह मुद्दा तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है।