Waqf Act पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: ‘पुरानी मस्जिदों के पास कागजात नहीं तो रजिस्ट्रेशन कैसे?’ केंद्र से मांगा जवाब
1 min read
न्यूज़टल डेस्क:सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से वक्फ बाय यूजर (Waqf By User) के प्रावधानों पर स्पष्ट जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि देश की कई मस्जिदें 13वीं से 15वीं सदी के बीच की हैं और उनके पास दस्तावेज उपलब्ध कराना संभव नहीं है, फिर भी उनके पंजीकरण की प्रक्रिया स्पष्ट होनी चाहिए।

अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि देश की लगभग 8 लाख संपत्तियों में से करीब 4 लाख वक्फ बाय यूजर श्रेणी में आती हैं, यानी धार्मिक उपयोग के चलते उन्हें वक्फ माना गया है, भले ही उनके पास कोई कागजात न हों। इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या बिना दस्तावेजों के इनका रजिस्ट्रेशन वैध होगा? साथ ही कोर्ट ने इस मुद्दे पर देश में हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी महत्वपूर्ण सवाल उठाया कि क्या वक्फ बोर्ड में हिंदू सदस्य शामिल किए जा सकते हैं, और यदि ऐसा है तो क्या मुस्लिमों को भी हिंदू ट्रस्टों में स्थान दिया जाएगा? कोर्ट ने इसपर भी केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा। अगली सुनवाई गुरुवार को होगी, जिसमें इन मुद्दों पर केंद्र का पक्ष सामने आने की संभावना है।