विश्व पार्किंसंस डे पर न्यूरो सेंटर साकची में जागरूकता कार्यक्रम, जमशेदपुर में रोज़ाना सामने आ रहे 4-5 नए मामले
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जमशेदपुर:विश्व पार्किंसंस डिजीज डे के अवसर पर शुक्रवार को जमशेदपुर के साकची स्थित न्यूरो सेंटर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहर के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एमएन सिंह ने बताया कि यह एक मस्तिष्क से जुड़ा विकार है, जिसमें शरीर के अंगों पर नियंत्रण कम होता जाता है। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में औसतन प्रतिदिन 4-5 नए मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं। भारत ही नहीं, यह बीमारी दुनियाभर में तेजी से फैल रही है।

. सिंह ने बताया कि पार्किंसंस डिजीज डोपामिन रसायन की कमी से होती है, जिससे हाथ-पांव में कंपन, चेहरे के भावों में कमी और चलने के तरीके में बदलाव आने लगता है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी 60 वर्ष से अधिक उम्र के 80 प्रतिशत और 20 प्रतिशत कम उम्र के लोगों में भी देखी जाती है। हालांकि इस बीमारी की कोई विशेष दवा नहीं है, लेकिन लीमोडोप दवा से राहत मिलती है। कुछ प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में सर्जरी भी की जाती है, परंतु उसकी सफलता दर बहुत कम है।

डॉ. सिंह ने सुझाव दिया कि इस बीमारी से राहत पाने के लिए थेरेपी, योग, संतुलित आहार, मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम और मसाज थेरेपी का सहारा लेना फायदेमंद होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों में यह बीमारी महिलाओं की तुलना में अधिक देखी जाती है, हालांकि इसके पीछे के कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। जागरूकता कार्यक्रम में कई मरीजों और उनके परिजनों ने भाग लिया और इस बीमारी से जुड़ी अहम जानकारियां प्राप्त कीं।