झारखंड में कांग्रेस का नया फरमान: नेताओं के लिए अहम शर्तें और बड़े निर्देश
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झारखंड कांग्रेस में बदलाव का दौर शुरू हो चुका है, और नेताओं के लिए एक नई चुनौती सामने आई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह बनाने के लिए अब नेताओं को अपनी अहमियत साबित करनी होगी। कांग्रेस के नेताओं के लिए कुछ नई शर्तें रखी गई हैं, जिनका पालन करके ही वे पार्टी के शीर्ष पदों की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

क्या हैं ये शर्तें ?
नेताओं को आगामी कार्यक्रमों में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को शामिल करने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा, पिछले दिनों दिए गए टास्क को पूरा करना भी जरूरी होगा। ये टास्क संगठन में बेहतर कार्य करने, कांग्रेस के वादों को जन-जन तक पहुंचाने, मतदाताओं से जुड़ने, और पूर्व से निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने से जुड़े हैं।

कब होगा प्रदेश कांग्रेस का नया गठन?
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन 15 जुलाई तक हो जाएगा। नेताओं को इस समय सीमा में अपनी कड़ी मेहनत और सक्रियता दिखानी होगी, ताकि वे महत्वपूर्ण पदों के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकें। लेकिन ये सब तभी संभव होगा, जब वे आनेवाले कार्यक्रमों में अपनी पूरी ताकत दिखाते हुए हर दिशा में कामयाबी हासिल करेंगे।

अंबेडकर जयंती पर बड़ा आयोजन
अगला बड़ा मौका अप्रैल महीने में होगा, जब कांग्रेस पार्टी अंबेडकर जयंती पर हर जिले में मानव शृंखला बनाएगी। इस आयोजन की सफलता या असफलता पर जिलाध्यक्षों की किस्मत निर्भर करेगी, और उनके भविष्य का फैसला इसी कार्यक्रम के आधार पर किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू झारखंड पहुंचेंगे और रांची में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

सरहुल अवकाश पर कांग्रेस का स्वागत।
वहीं, राज्य सरकार द्वारा सरहुल के अवसर पर दो दिन के अवकाश की घोषणा को लेकर कांग्रेस ने खुशी जाहिर की है। प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो ने इसे आदिवासी समुदाय की पुरानी मांग पूरी होने के रूप में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह अवकाश न केवल एक त्योहार है, बल्कि आदिवासी अस्मिता और संस्कृति का प्रतीक भी है।*नतीजा क्या होगा?*अब, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की नज़रें 15 जुलाई तक होने वाले कांग्रेस कमेटी के गठन पर होंगी। इस दौरान पार्टी आलाकमान अपनी आगे की जिम्मेदारी देने में भी निर्णायक कदम उठाएगा, और हर नेता अपनी दावेदारी पेश करने के लिए कमर कस चुका है।
