पूर्वोत्तर भारत की कला और संस्कृति का महासंगम, चाईबासा में हुआ शुरू
1 min read
                चाईबासा: चाईबासा में तीन दिवसीय “पूर्वोत्तर भारत कला और संस्कृति महासंगम” का शानदार शुभारंभ आज हुआ। इस भव्य आयोजन का उद्घाटन कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त हरि कुमार केसरी, डीआईजी मनोज रतन चौथे और चाईबासा अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो ने किया।

27 मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों से 72 महिला और 80 पुरुष कलाकार अपनी विशिष्ट कला के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान, कोल्हान क्षेत्र के लोग पूर्वोत्तर भारत के रंग-बिरंगे नृत्य, संगीत, खानपान और हस्तशिल्प से रूबरू हो रहे हैं।

सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन मैदान में मंगलवार की शाम इस महोत्सव की शुरुआत हुई। यह तीन दिवसीय महासंगम ओकटेव 2025 के रूप में मनाया जाएगा। भारतीय संस्कृति मंत्रालय के पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता द्वारा आयोजित इस आयोजन में पारंपरिक नृत्यों के साथ-साथ हस्तशिल्प मेला, पारंपरिक खाद्य मेला और वेशभूषा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है।

पहले दिन विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किए, जिनमें मणिपुर का बसंत रास, मिजोरम का सोलकिया नृत्य, त्रिपुरा का संगराई मोग नृत्य, मेघालय का मस्तिएक नृत्य, नागालैंड का चाखेसांग शेले फेटा नृत्य, असम का बिहू नृत्य, अरूणाचल प्रदेश का याकजोग नृत्य और सिक्किम के कलाकारों का सिंधी छाम नृत्य शामिल थे।

यह आयोजन पूर्वोत्तर भारत की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को मंच पर लेकर आ रहा है, और स्थानीय लोग इसे बड़े उत्साह से देख रहे हैं।