झारखंड के प्रति केंद्र सरकार की भेदभाव नीति के कारण हुआ अस्त-व्यस्त व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री ने लगाया आरोप
1 min readराँची : तीसरे चरण के टीकाकरण रजिस्ट्रेशन में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों से पैसे की मांग की गई है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि कहीं ना कहीं झारखंड जैसे गरीब राज्यों के प्रति केंद्र सरकार की भेदभाव नीति को दर्शाता है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की अनदेखी की वजह से राज्य की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हुई है। देश की जनता को समय से वैक्सीनेशन का लाभ मिल जाता, तो यह परिस्थिति नहीं बनती, स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कहीं ना कहीं भारत सरकार की बड़ी चूक है और उनकी ही अनदेखी के कारण इस तरह की कुव्यवस्था उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में केंद्र सरकार द्वारा नारा दिया गया। राज्य के लोगों को मुफ्त में टीका दिलाई जाएंगी, फिर क्यों केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों से तीसरे चरण के वैक्सीनेशन के लिए पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने राज्य में हो रही रेमडेसिविर और कोरोना के मरीजों के लिए अन्य जीवन रक्षक दवाइयों की कमी का ठिकड़ा भी केंद्र सरकार को ही फोड़ा है। उन्होंने कहा कि गुजरात में एक लाख पॉजिटिव लोगों के हिसाब से एक लाख 65 हजार रेमडेसिविर पहुंचाई जा रही है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में इस दवा की बर्बादी खूब हुई है। झारखंड में इन दवाओं की जरूरत है तो हमे ये दवाई नहीं मिल रही है।