एनएचएफ द्वारा हिमांचल प्रदेश के मनाली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में झारखंड से तीन प्रतिभागी हुए शामिल
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जमशेदपुर : एनएचएफ (नेशनल हॉकर फेडरेशन) द्वारा आयोजित जलवायु परिवर्तन एवम प्लाष्टिक उन्मूलन विषय पर आधारित चार दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन बीते 21सितंबर से 24 सितंबर 2024 तक हिमांचल प्रदेश के मनाली में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में पूरे भारत वर्ष से कुल 105 डेलीगेट्स शामिल हुए , जिनमें झारखंड प्रदेश से जमशेदपुर के रहने वाले तीन प्रतिभागी उत्तम चक्रवर्ती, नागेन्द्र कुमार एवम सुनीता पोयडा अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । इस राष्ट्रीय अधिवेशन में स्ट्रीट वेंडर से संबंधित मुद्दों और सरकार की ओर से बनाए गए कानूनों पर चर्चा की गई। 

अधिवेशन में 24 राज्यों, 5 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 105 स्ट्रीट वेंडर लीडरों ने भाग लिया और अपने अपने प्रदेश की समस्याओं को सबके सामने रखा तथा उसके समाधान के लिए गहन मंथन की गई । इस अधिवेशन में स्ट्रीट वेंडर्स के जीवन और आजीविका की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, प्लाष्टिक उन्मूलन एवम न्याय से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर 12 सत्रों में चर्चा हुई। अधिवेशन में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 9 सितंबर 2013 के फैसले के साथ-साथ स्ट्रीट वेंडर्स प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। वहीं हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय अधिनियम के गैर-कार्यान्वयन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। एनएचएफ के राष्ट्रीय महासचिव शक्तिमान घोष ने पत्रकार वार्ता में बताया कि हिमाचल प्रदेश ने अभी तक इस अधिनियम को लागू नहीं किया है, लेकिन यहां पर स्ट्रीट वेंडर्स के जीवन और आजीविका पर हमला जारी है। कई बार शहरी अधिकारी जब्ती सूची के बिना अवैध रूप से वेंडिंग आइटम और उपकरण जब्त कर रहे हैं और स्ट्रीट वेंडर्स पर भारी जुर्माना लगा रहे हैं। स्ट्रीट वेंडर्स को टाउन वेंडिंग कमेटी में किसी भी निर्णय के बिना अवैध रूप से प्रति व्यक्ति 150/- रुपये प्रतिदिन या 4,500/- रुपये प्रति माह देने के लिए मजबूर किया जाता है। बेशक राज्य सरकार ने जल्द ही अधिनियम को लागू करने के लिए एक मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया है। हालांकि कई राज्य सरकारें और शहरी निकाय अधिनियम को लागू कर रहे हैं, लेकिन कार्यवाही अलग-अलग है एक से दूसरे तक। एनएचएफ ने स्ट्रीट वेंडरों की आजीविका की सुरक्षा के लिए और अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर तथा राज्य स्तर पर टास्क फोर्स के गठन की मांग की है ।

बढ़ती असमानता और गरीबी भारत को खतरनाक बेरोजगारी और भूख सूचकांक की ओर ले जा रही है। स्ट्रीट वेंडर किफायती मूल्य पर गुणवत्ता वाले सामान और वस्तुएं उपलब्ध कराकर समाज के सबसे बड़े हिस्से की सेवा कर रहे हैं। स्ट्रीट वेंडर प्रतिदिन 8,000 / करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार के साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध कर रहे हैं। केंद्र सरकार को अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना होगा। जहां यह आम लोगों से जीएसटी का बड़ा हिस्सा वसूल रही है, वहीं सुपर अमीर लोगों को करों में छूट और बड़ी मात्रा में वित्त पूंजी माफ करने से यह खाई और चौड़ी हो रही है। एनएचएफ ने सुपर अमीरों पर 1% संपत्ति कर की आवश्यकता पर बल दिया, जो देश की 50% से अधिक संपत्ति के मालिक हैं । अधिवेशन में इसके विरुद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया , ताकि कम बैलेंस वाले खाताधारकों को काटी गई राशि वापस की जा सके और सुपर रिच कॉरपोरेट्स से राइट ऑफ की गई राशि वसूल की जा सके। जलवायु परिवर्तन अनौपचारिक श्रमिकों को बहुत प्रभावित करता है, खासकर स्ट्रीट वेंडर्स को, जो 0′ कार्बन का उपयोग करते हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के शिकार हैं। क्योंकि वह खुले आसमान में अपनी जीविका चलाते हैं। एनएचएफ ने जलवायु परिवर्तन न्याय की मांग करते हुए राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की है , जो पूरे देश में चलाया जाएगा। अधिवेशन संपन्न होने के बाद एनएचएफ के सभी प्रतिभागी लीडर हिमांचल के मनाली, कुल्लू , शिमला एवम अन्य जगहों सहित चंडीगढ़, दिल्ली आदि शहरों में भ्रमण कर जलवायु परिवर्तन एवम प्लाष्टिक के दुष्प्रभावों का अध्ययन कर स्ट्रीट वेंडरों के जीवन स्तर को नजदीक से देखा और पाया कि प्लास्टिक का दुष्प्रभाव सिर्फ पथ विक्रेता पर ही नहीं बल्कि पूरा मानव जाति एसके चपेट मे आ गए हैं । जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण , खाद्य प्रदूषण आदि के माध्यम से माइक्रोन प्लाष्टिक जमीन को बंजर बनाते हुए प्रत्येक मनुष्य के दिमाग में भी घुस चुका है जो विभिन्न तरह के रोग उत्पन्न कर मानव शरीर को छलनी कर रहा है । अगर इसपर गंभीरता से ध्यान नही दिया गया तो आने वाले समय मे पृथ्वी से मानव जाति विलुप्त हो सकता है । एनएचएफ के लीडरों ने मनाली में आयोजित इस अधिवेशन के समाप्ति के बाद 28 सितंबर तक भ्रमण कार्यक्रम अभियान चलाया। इस मुहीम में एनएचएफ के महासचिव शक्तिमान घोष, कार्यकारी अध्यक्ष मीर इनायत अली बकरी, अतिरिक्त महासचिव जयंत दास, उप महासचिव मेकेंजी डाबरे, महिला नेता क्षेत्री तमा देवी , ओम प्रकाश सिंह , सत्यरूपा शेखर , सौभिक घोष ,संदीप मीना, गजनफर नवाब , संदीप वर्मा, मोहित बलेचा , अनिल बकशी , मुराद हुसैन, भवतोष सरकार, हैदर अली, याकुब महमूद , प्रताप शाहू , मनीष सिंह , स्मृति गुप्ता , तरकाहा, ग्रेस , सुनील, बसीर , उत्तम चक्रवर्ती, सुनीता पोयडा, नागेन्द्र आदि की अहम भूमिका रही ।