रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर “इंडियन नॉलेज सिस्टम और नैक बायनरी सिस्टम”पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आज समापन समारोह।
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आज किताबी ज्ञान नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता है तभी समाज में मानवीय संवेदना जीवित रह पायेगी।– डाॅ बी के सिंह, वित्त पदाधिकारी,
कोल्हान विश्वविद्यालय।
जमशेदपुर:इंडियन नॉलेज सिस्टम और नेक बाइनरी सिस्टम के ऊपर रंभा कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ । यह आयोजन रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया ।आज कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह और सम्मानित अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के आई क्यू ए सी कोऑर्डिनेटर डॉ संजय गोराई जी उपस्थित थे । अतिथि वक्ता और रिसोर्स पर्सन के तौर पर डाॅ विनय गुप्ता, डाॅ विजय प्रकाश और डाॅ दीपांजय श्रीवास्तव जी उपस्थित थे।
कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर और स्वागत गीत के साथ हुआ ।कॉलेज के सचिव गौरव बचन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और सभी अतिथियों से परिचय कराया ।
सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत पौधा , उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर किया गया।
तत्पश्चात अध्यक्ष राम बचन जी ने अपना वक्तव्य दिया और शिक्षकों को सतत सीखने और अग्रसर रहने के लिए प्रेरित किया ।
कार्यशाला के की नोट स्पीकर के रूप में उड़ीसा से शिक्षाविद डॉ दिलीप मंगराज ने नैक बाइनरी सिस्टम को विस्तार से समझाया।
मुख्य अतिथि डाॅ बी के सिंह जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय ज्ञान पद्धति शिक्षा के साथ-साथ संस्कार की भी बात करता है । आज किताबी ज्ञान नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता है तभी समाज में मानवीय संवेदना जीवित रह पायेगी।
संचालन डॉक्टर गंगा भोल और डॉक्टर सुमन लता ने किया।
प्रथम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन दिया प्रिंसिपल डॉक्टर कल्याणी कबीर ने और द्वितीय सत्र में असिस्टेंट प्रोफेसर शीतल कुमारी ने ।
इसे दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न कॉलेज से आए प्रतिभागी भी शामिल रहे। आज डीबीएमएस कॉलेज , श्रीनाथ बी एड काॅलेज और करीम काॅलेज के प्रोफेसर की उपस्थिति रही। सभी सम्मानित शिक्षाविदों को भी उत्तरीय और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।