इस फिल्म में अमिताभ बच्चन की हाथ की चोट बन गई थी स्टाइल, किशोर कुमार ने टेबल पर लेट गाया था गीत, पढ़ें पूरी खबर..
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न्यूज़ टेल/डेस्क: (साहिल अस्थाना) एक ऐसी फिल्म जिसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के हाथ की चोट स्टाइल बन गई थी… लोग पॉकेट में हाथ डालकर यूं चलते थे जैसे वह खुद को अमिताभ बच्चन जैसा महसूस कर रहे हैं…. एक ऐसी फिल्म जिसकी कल्पना अटलांटिक महासागर के ऊपर करीब 35000 फीट पर तब हुई थी जब महान निर्देशक प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन दोनों 80 के दशक में अपने उरूज़ पर थे और वर्ल्ड टूर कर रहे थे…. विमान में ही दोनों की बात हुई जिसमें प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन से कहा था हमें एक ऐसी फिल्म बननी चाहिए जिसमें बाप बेटे के रिश्ते को हम दर्शा पाएं जिसमें बेटा शराबी है ….. आज से करीब 40 वर्ष पहले रिलीज हुई शराबी मूवी अगर आपने देखी होगी तो उसमें आपने देखा होगा कि अमिताभ बच्चन के ज्यादातर सीन में उनका एक हाथ उनके पतलून में होता है और दूसरे हाथ से वह अदाएगी करते हैं…. दरअसल यह कोई स्टाइल नहीं था बल्कि उस समय अमिताभ बच्चन का एक हाथ दिवाली के बम से पूरी तरह जल गया था और इसीलिए उन्होंने एक हाथ पतलून में रख कर ही एक्टिंग की….
महान एक्ट्रेस जयाप्रदा ने एक बार एक टीवी इंटरव्यू में बताया था कि अमिताभ बच्चन सच में एक महान एक्टर हैं…. शराबी मूवी के दौरान उनका हाथ पूरी तरह जल गया था दिवाली के बम के कारण और दे दे प्यार दे के गीत में उन्होंने एक रुमाल लेकर एक हाथ से ही पूरे गाने में एक्टिंग की
फ़िल्म समीक्षक बताते हैं की शराबी जिस वक्त रिलीज हुई उस वक्त कोई भी दर्शक किसी एक्टर को शराबी देखना नहीं चाहता था.. एक्टर एक अच्छे छवि का हो तो फिल्म हिट होती थी.. इसके बावजूद शराबी में एक्टर अमिताभ बच्चन को पियक्कड़ दिखाया गया ..वह हमेशा नशा में रहते थे.. उसके बावजूद दर्शकों की सिम्पैथी उनके साथ थी…. नशे में होने के हालात में अमिताभ बच्चन को पूरे फिल्म में मानवीय ही दिखाया गया है….

शराबी में अमिताभ बच्चन के लिए डायलॉग कादर खान ने लिखे हैं लोगों के नब्ज़ को टटोलना वाले कादर खान ने कुछ ऐसे डायलॉग लिखे जिस पर तालियां बजती रही फिल्म के डायलॉग में अमिताभ बच्चन प्राण से कहते हैं कि “आपने मुझे वह सब कुछ दिया जिसे खरीद कर घर में सजाया जा सके लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिया जिसे दिल में मैं सजा कर रख सकूं” इस डायलॉग पर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि थिएटर में कितनी तालियां बजी होंगी..
“आज इतनी मयस्सर नहीं मयखाने में जितना हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में”….”जिनका अपना दिल टूटा होता है वह औरों के दिल नहीं तोड़ा करते” ऐसी कई डायलॉग से शराबी भरी पड़ी है……
संवादों के साथ-साथ शराबी में दूसरे दिलचस्प किरदारों ने भी फ़िल्म को रोचक बनाया. फ़िल्म का मशहूर किरदार था नत्थूलाल का.. जिसे अभिनेता मुकरी ने निभाया था.’मूँछें हों तो नत्थूलाल जैसी हों – ये डायलॉग आज भी मीम्स में आपको मिल जाएगा. फिल में अमिताभ के पिता.. प्राण के प्यार से महरूम फ़िल्म में जो शख़्स विकी को पालता है यानी मुंशी जी, उस रोल में ओमप्रकाश ने भी फ़िल्म में अमिताभ का पूरा साथ दिया. एक अक्खड़ पिता के तौर पर प्राण की अदाकारी को लोगों ने पसंद किया.अभिनेत्री जया प्रदा भी तब सरगम, कामचोर और तोहफ़ा के बाद मशहूर हो चुकी थीं. फ़िल्म में एक ख़ुद्दार कलाकार के तौर पर जया प्रदा को काफ़ी पसंद किया गया. जब अमिताभ बच्चन जया प्रदा के शो के सारे टिकट पैसों से ख़रीदकर अकेले देखने आ जाते हैं तो जया दो टूक कहती हैं- कलाकार सिर्फ़ तारीफ़ का भूखा होता है पैसों का नहीं.
अगर 80 का दशक अमिताभ का था, तो किशोर कुमार का भी था. इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब 1985 में फ़िल्मफ़ेयर नामांकन आए तो बेस्ट सिंगर में चारों नॉमिनेशन किशोर कुमार के नाम थे.सारे नॉमिनेशन शराबी के चार गानों के लिए थे- दे दे प्यार दे, मंज़िलें अपनी जगह है, लोग कहते हैं और इंतेहा हो गई. उन्हें मंज़िलें अपनी के लिए अवॉर्ड मिला. पर आज हम बात करेंगे इंतेहा हो गई गाने की. अपने यूट्यूब चैनल में गायिका आशा भोसले बताती हैं, “प्रकाश मेहरा, बप्पी लाहिड़ी.. हम सब लोग स्टूडियो में बैठकर गाने पर चर्चा कर रहे थे. प्रकाश मेहरा ने बताया कि गाने में हीरो शराब पिया हुआ है. तब किशोर दा बोले जब इंसान शराब पीता है तो ठीक से खड़ा नहीं रह सकता, वो लेट जाता है. मैं भी लेटकर गाना गाऊंगा. एक लंबा टेबल लेकर आइए.””और किशोर दा वाकई लेट गए टेबल पर और हाथ पर सर रखके गाना रिकॉर्ड करने लगे. इस गाने में वो गाते हैं इंतेहा हो गई, इंतज़ार की .. हाय. इस हाय ने पूरे गाने को बदल दिया. उस हाय में जो एक्सप्रेशन किशोर दा ने डाला तो लगता है वाक़ई उन्होंने पी हुई थी।
शराबी में अमिताभ बच्चन की इस किस्से को जान कर रही पता चलता है की उन्होंने सदी का महानायक आखिर क्यों कहा जाता है।