यहाँ पौधों को बांधी जाती है राखी…. महिलाएं बोलीं-काम के चलते घर नहीं जा सकते, थकते हैं तो पेड़ों की छांव में मिलता है आराम
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छत्तीसगढ़ : रक्षा बंधन का पर्व हर भाई-बहन के लिए खास होता है। बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र (राखी) बांध कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बहनें राखी के इस पवित्र त्योहार को अनोखे अंदाज में मनाती है। यहां बहनें पर्यावरण बचाने, पौधों की हरियाली और सुरक्षा करने का संकल्प लेकर हर साल उन्हें राखी बांधती हैं। दैनिक भास्कर भी समाज के हर वर्ग के लोगों से इस तरह से पर्व मनाने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपील करता है।
दरअसल, कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में काम करने वाली महिला वनकर्मियों का पेड़ों के प्रति लगाव है। उनका कहना है कि लंबे समय से पौधों की देखरेख और सुरक्षा काम कर रही हैं। धूप से आने पर पेड़ों की छाया के नीचे आराम करती हैं। ठंडी हवा मिलती है और मन भी आनंदित होता है। भाई-बहन तो दूर रहते हैं। हम उनके पास नहीं जा पाते, ऐसे में पेड़-पौधों को ही भाई मान कर रक्षा सूत्र बांधने लगीं। अब उन्हें देखकर वन विभाग भी यहां रक्षाबंधन पर्व पर पौधों को राखी बांधने का आयोजन करने लगा है।
कानन पेंडारी जू की डिप्टी रेंजर एसबी कंवर ने बताया कि शुरूआत में यहां काम करने वाली महिलाओं ने पौधों की रक्षा करने का संकल्प लेकर राखी बांधी। उन्हें देखकर पिछले 10 साल से अब यहां रक्षाबंधन पर्व मनाने की परंपरा शुरू हो गई है। यहां काम करने वाली महिलाओं के साथ वनकर्मी भी उनके इस अनोखी राखी पर्व में सहभागिता निभा रहे हैं। इसके साथ ही जू में आने वाले पर्यटकों को भी पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है और पौधों की रक्षा का संकल्प दिलाया जाता है।