झारखंड पर मंडराया सूखे का संकट, किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल रहा पानी
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झारखंड में इस साल अच्छी बरसात नहीं हुई है जिससे राज्य पर सूखे का संकट मंडरा रहा है। सभी जलाशयों में जल का स्तर लगातार घट रहा है। किसानों को सिंचाई के लिए सीमित मात्रा में पानी मिल रहा है।मानसून के इस मौसम में अब तक पूरे राज्य में अच्छी तो दूर कहीं पर भी संतोषजनक बरसात भी नहीं हुई है।
कुछ जगहों पर स्थिति चिंताजनक भी बन गई है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई हैं। सिंचाई के लिये पानी सिमित तौर पर उपलब्ध हो पा रहा है। लेकिन, मानसून की बेरुखी यूं ही बनी रही तो हालात सूखे के बन जाएंगे। राज्य के सभी जलाशयों में जल का स्तर लगातार घट रहा है।
राज्य के 56 जलाशयों में से 52 जलाशयों का जल स्तर डेड स्टोरेज लेवल (डीएसएल) से थोड़ा ही ऊपर
जल संसाधन विभाग का कहना है कि आमतौर पर मानसून के मौसम में इस समय तक जलाशयों में स्टोरेज पचास फीसदी तक हो जाता है, लेकिन इस बार अब तक स्थिति डेड स्टोरेज लेवल के आसपास ही बनी हुई है। यह चिंताजनक है। किसानों को सिंचाई के लिये सीमित तौर पर ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है।
सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जा रहा
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (मॉनिटरिंग) मोती लाल सिंह के मुताबिक अब तक अच्छी बारिश नहीं होने के कारण राज्य के 56 जलाशयों में से 52 जलाशयों का जल स्तर डेड स्टोरेज लेवल (डीएसएल) से थोड़ा ही ऊपर रह गया है।
इनसे सीमित मात्रा में सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यालय के निर्देशानुसार किसानों को सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
एक हफ्ते से हाइड्रल पावर प्लांट बंद
रांची के अनगड़ा प्रखंड स्थित गेतलसूद डैम का जलस्तर कम होने से सिकिदिरी हाइड्रल पावर प्लांट विगत एक सप्ताह से बंद है। जल संसाधन विभाग और झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के समझौते के तहत यदि डैम में पर्याप्त जल संग्रह मौजूद नहीं I
तो हाइड्रल पावर प्लांट के लिए पानी नहीं छोड़ा जाता है। पावर प्लांट बंद होने से दो यूनिट से बिजली उत्पादन ठप है।