✨ सोना देवी विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा : मातृभाषा से जुड़ने का संकल्प ✨
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राजभाषा के सम्मान के बिना प्रगति संभव नहीं – कुलाधिपति, कुलपति और कुलसचिव ने दी प्रेरक सीख
जमशेदपुर:कोई भी देश अपने राजभाषा और राष्ट्रभाषा का सम्मान किए बिना आगे नहीं बढ सकता, अंग्रेजी भाषा जानना आज की मजबुरी है लेकिन अगर तरक्की करना है तो अपनी जड़ों से जुड़े रहें- कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह• मुर्दा है वो देश जहां साहित्य नहीं, अंधकार वहां जहां आदित्य नहीं- डॉ जेपी मिश्रा कुलपति, सोना देवी विश्वविद्यालय• हिन्दी भाषा नवासी देशों में बोली जाती है और 89 विश्वविद्यालयों में पढाई जाती है – कुलसचिव डॉ गुलाब सिंह आजाद, सोना देवी विश्वविद्यालय सोना देवी विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय के विवेकानन्द ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में पटमदा डिग्री कॉलेज के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ शालीग्राम मिश्र ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि हिन्दी भाषा का सम्मान तभी होगा जब सभी लोग हिन्दी में काम करेंगे.

राजा अपने राज्य में ही सम्मानित होता है लेकिन विद्वान सभी जगह सम्मान पाते हैं. यही बात हिन्दी भाषा के साथ लागू होती है. कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह ने कहा कि कोई भी देश अपने राजभाषा और राष्ट्रभाषा का सम्मान किए बिना आगे नहीं बढ सकता. चीन, जापान, कोरिया और जर्मनी जैसे देशों ने अपनी भाषा में ही तरक्की की है. कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह ने कहा कि आखिर क्या वजह है कि हमें इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करना पड़ रहा है.

उन्होंने मैकाले के नीति की चर्चा करते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन काल से ही भारतीय भाषाओं को कमजोर करने का प्रयास शुरू कर दिया गया था. अंग्रेजी भाषा जानना आज की मजबुरी है. इसलिए तरक्की करना है तो अपनी जड़ों से जुड़े रहें. अपने स्वाभिमान से जुड़े रहे. आज के समय में हिन्दी भाषा और अंग्रेजी दोनों की जरूरत है. कुलपति डॉ जेपी मिश्रा ने कहा कि अपनी भाषा में ज्यादा से ज्यादा काम करें. विकसित देश भी अपनी भाषा में ही कार्य करते हैं. उन्होंने कहा कि मुर्दा है वो देश जहां साहित्य नहीं, अंधकार वहां जहां आदित्य नहीं. सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ गुलाब सिंह आजाद ने कहा कि हिन्दी भाषा नवासी देशों में बोली जाती है और 89 विश्वविद्यालयों में पढाई जाती है.

हिन्दी भाषा विश्व में सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है. लंबे समय तक पराधीन रहने के कारण लोगों में हिन्दी भाषा को लेकर हीनभावना बढ गई.इस मौके पर सोना देवी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ शांति एक्का तथा संस्कृत विभाग की अध्यक्ष कुमारी निकिता के साथ सभी ने हिन्दी पखवाड़ा के उपलक्ष में आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लिया. विद्यार्थियों के लिए कई तरह के प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया जिसमें कविता पाठ, दोहा, गायन, वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता आदि शामिल हैं. विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह द्वारा सम्मानित किया गया.